Tera Shehar (feat. Mohd. Kalam)
Lyrics
इश्क़ मेरा रोता रहा आँसू तुझे ना आये नज़र दर्द मुझे होता रहा तुझपे हुआ ना कोई असर क्यूँ दिखाया ख़ाब तूने आसमाँ वाला मुझको? मैं तो तेरा चाँद था ना, क्यूँ बुझा डाला मुझको? सौ टुकड़ों में टूटा एक धागे में जुड़ के मर जाऊँगा, फिर भी ना देखूँगा मुड़ के मर जाऊँगा, फिर भी ना देखूँगा मुड़ के तेरा शहर, तेरा शहर तेरा शहर, हम्म, तेरा शहर ♪ मैं क्या करूँ ये मौसम तेरे बिना? मैं क्या करूँ ये शामें जो तू नहीं? मेरी रगों में जो दौड़ता रहा तेरा ही प्यार था वो, लहू नहीं मैं कहाँ था अपने अंदर, तू ही मुझमें रहती थी सीने पे सर रख के मेरे तू ही मुझसे कहती थी "मिलने तुझे आऊँगी बिन पंख मैं उड़के" मर जाऊँगा, फिर भी ना देखूँगा मुड़ के मर जाऊँगा, फिर भी ना देखूँगा मुड़ के तेरा शहर, तेरा शहर तेरा शहर, हम्म, तेरा शहर ♪ तेरी नज़र में होना था घर मेरा तेरी नज़र ने ही दरबदर किया उमरें चुराके मेरी तू ले गयी मुश्क़िल था सब्र करना, मगर किया तेरे झूठे वादों की ये बस्तियाँ बह जाएंगी कागज़ों से जो बनी वो कश्तियां बह जाएंगी बादल मेरी आँखों के जो बरसे खुल के मर जाऊँगा, फिर भी ना देखूँगा मुड़ के मर जाऊँगा, फिर भी ना देखूँगा मुड़ के तेरा शहर, तेरा शहर तेरा शहर, हम्म, तेरा शहर
Audio Features
Song Details
- Duration
- 05:28
- Tempo
- 71 BPM