Bekhayali

Lyrics

बेख़याली में भी तेरा ही ख़याल आए
 "क्यूँ बिछड़ना है ज़रूरी?" ये सवाल आए
 तेरी नज़दीकियों की ख़ुशी बेहिसाब थी
 हिस्से में फ़ासले भी तेरे बेमिसाल आए
 मैं जो तुमसे दूर हूँ, क्यूँ दूर मैं रहूँ?
 तेरा ग़ुरूर हूँ
 आ, तू फ़ासला मिटा, तू ख़्वाब सा मिला
 क्यूँ ख़्वाब तोड़ दूँ?
 ♪
 बेख़याली में भी तेरा ही ख़याल आए
 "क्यूँ जुदाई दे गया तू?" ये सवाल आए
 थोड़ा सा मैं ख़फ़ा हो गया अपने-आप से
 थोड़ा सा तुझपे भी बेवजह ही मलाल आए
 ♪
 है ये तड़पन, है ये उलझन
 कैसे जी लूँ बिना तेरे?
 मेरी अब सब से है अन-बन
 बनते क्यूँ ये ख़ुदा मेरे?
 ♪
 ये जो लोग-बाग हैं, जंगल की आग हैं
 क्यूँ आग में जलूँ?
 ये नाकाम प्यार में, ख़ुश हैं ये हार में
 इन जैसा क्यूँ बनूँ?
 ♪
 रातें देंगी बता, नीदों में तेरी ही बात है
 भूलूँ कैसे तुझे, तू तो ख़यालों में साथ है
 बेख़याली में भी तेरा ही ख़याल आए
 "क्यूँ बिछड़ना है ज़रूरी?" ये सवाल आए
 ♪
 नज़र के आगे हर एक मंज़र रेत की तरह बिखर रहा है
 दर्द तुम्हारा बदन में मेरे ज़हर की तरह उतर रहा है
 नज़र के आगे हर एक मंज़र रेत की तरह बिखर रहा है
 दर्द तुम्हारा बदन में मेरे ज़हर की तरह उतर रहा है
 आ, ज़माने, आज़मा ले, रूठता नहीं
 फ़ासलों से हौसला ये टूटता नहीं
 ना है वो बेवफ़ा और ना मैं हूँ बेवफ़ा
 वो मेरी आदतों की तरह छूटता नहीं
 

Audio Features

Song Details

Duration
06:11
Key
9
Tempo
168 BPM

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