Rumaani Sa

Lyrics

कुछ तो थी अकल दिल में
 होके बेदख़ल दिल ने
 शेख़ी मार के हम से
 सब कुछ हार के फिर से
 ख़ाबों की खुरचन से दिन ये कुरेदा है
 गुत्थी ये खोली है तुम ने, हम ने
 रूमानी सा, रूमानी सी
 तू और मैं, मैं और तू
 रूमानी सा, रूमानी सी
 दिल और हर जुस्तजू
 ♪
 वादों के खुले बस्ते
 महँगे दाम पे सस्ते
 मिलते हैं जहाँ हम को
 वो हैं इश्क़ के रस्ते
 वहाँ दोपहरों से (वहाँ दोपहरों से)
 ख़स्ती-करारी सी (ख़स्ती-करारी सी)
 धूप उतारेंगे, तू जो कह दे
 रूमानी सा, रूमानी सी
 तू और मैं, मैं और तू
 रूमानी सा, रूमानी सी
 दिल और हर जुस्तजू
 ♪
 ना होगा कि किताबों में
 छपेगी तेरी-मेरी कहानी
 हाँ, किश्तों में सुना देंगे
 ये क़िस्सा तेरी-मेरी ज़ुबानी
 टूटी-फ़ूटी, सच्ची-झूठी तेरी-मेरी दास्ताँ
 औरों से क्या लेना-देना? देंगे खुद को बता
 रूमानी सा, रूमानी सी
 तू और मैं, मैं और तू
 रूमानी सा, रूमानी सी
 दिल और हर जुस्तजू
 रूमानी सा, रूमानी सी
 रूमानी सा, रूमानी सी
 रूमानी सा, रूमानी सी
 

Audio Features

Song Details

Duration
04:40
Key
9
Tempo
130 BPM

Share

More Songs by Raghu Dixit

Albums by Raghu Dixit

Similar Songs