Hairat
Lyrics
धीमी-धीमी चलने लगी हैं अब हवाएँ धीमी-धीमी खुलने लगी हैं आज राहें रंगने लगे हैं मंज़िल को जाने के राह सारे जैसे आसमाँ के छींटें पड़े हों बन के सितारे धीमी-धीमी रोशनी सी बह रही है इन हवाओं में यहाँ हैरत, हैरत, हैरत है तू है तो हर एक लम्हा ख़ूबसूरत है हैरत, हैरत, हैरत है तू है तो हर एक लम्हा ख़ूबसूरत है ♪ शाम थी, कोई जो नूर आ गया यहाँ हो गई है सुबह रात का नाम-ओ-निशाँ तक नहीं कहीं है सहर हर जगह खोई-खोई ख़्वाबों में छुपी-छुपी ख़्वाहिशें नरम से रेत पे लिपटी सी बारिशें लिपटा हूँ राहों में राहों की बाँहों में है अब मेरी जगह कल पे छा गया धुआँ ये जो पल नया हुआ हो गई शुरू नई दास्ताँ हैरत, हैरत, हैरत है तू है तो हर एक लम्हा ख़ूबसूरत है हैरत, हैरत, हैरत है तू है तो हर एक लम्हा ख़ूबसूरत है धीमी-धीमी चलने लगी हैं अब हवाएँ धीमी-धीमी खुलने लगी हैं आज राहें रंगने लगे हैं मंज़िल को जाने के राह सारे जैसे आसमाँ के छींटें पड़े हों बन के सितारे धीमी-धीमी रोशनी सी बह रही है इन हवाओं में यहाँ हैरत, हैरत, हैरत है तू है तो हर एक लम्हा ख़ूबसूरत है हैरत, हैरत, हैरत है तू है तो हर एक लम्हा ख़ूबसूरत है
Audio Features
Song Details
- Duration
- 04:07
- Key
- 9
- Tempo
- 104 BPM