Kahaani (Aankhon Ke Pardon Pe)
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Lyrics
आँखों के परदों पे प्यारा सा जो था वो नजारा धुआँ सा बनकर उड़ गया अब ना रहा बैठे थे हम तो ख्वाबों के छाँव के तले छोड़ के उनको जाने कहाँ को चले ♪ कहानी खत्म है या शुरुआत होने को है सुबह नई है ये या फ़िर रात होने को है कहानी खत्म है या शुरुआत होने को है सुबह नई है ये या फ़िर रात होने को है आने वाला वक़्त देगा पनाहें या फिर से मिलेंगे दो राहें ख़बर क्या? क्या पता? आँखों के परदों पे प्यारा सा जो था वो नजारा धुआँ सा बनकर उड़ गया अब ना रहा बैठे थे हम तो ख्वाबों के छाँव के तले छोड़ के उनको जाने कहाँ को चले ♪ कहानी खत्म है या शुरुआत होने को है सुबह नई है ये या फ़िर रात होने को है कहानी खत्म है या शुरुआत होने को है सुबह नई है ये या फ़िर रात होने को है आने वाला वक़्त देगा पनाहें या फिर से मिलेंगे दो राहें ख़बर क्या? क्या पता?
Audio Features
Song Details
- Duration
- 03:27
- Key
- 4
- Tempo
- 99 BPM