Qaafirana
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Lyrics
इन वादियों में टकरा चुके हैं हमसे मुसाफ़िर यूँ तो कई दिल ना लगाया हमने किसी से क़िस्से सुने हैं यूँ तो कई ऐसे तुम मिले हो, ऐसे तुम मिले हो जैसे मिल रही हो इत्र से हवा क़ाफ़िराना सा है, इश्क़ है या क्या है? ऐसे तुम मिले हो, ऐसे तुम मिले हो जैसे मिल रही हो इत्र से हवा क़ाफ़िराना सा है, इश्क़ है या क्या है? ♪ ख़ामोशियों में बोली तुम्हारी कुछ इस तरह गूँजती है कानों से मेरे होते हुए वो दिल का पता ढूँढती है बेस्वादियों में, बेस्वादियों में जैसे मिल रहा हो कोई ज़ायक़ा क़ाफ़िराना सा है, इश्क़ है या क्या है? ऐसे तुम मिले हो, ऐसे तुम मिले हो जैसे मिल रही हो इत्र से हवा क़ाफ़िराना सा है, इश्क़ है या क्या है? ♪ गोदी में पहाड़ियों की उजली दोपहरी गुज़ारना हाय-हाय, तेरे साथ में अच्छा लगे शर्मीली अखियों से तेरा मेरी नज़रें उतारना हाय-हाय, हर बात पे अच्छा लगे ढलती हुई शाम ने बताया है कि दूर मंज़िल पे रात है मुझको तसल्ली है ये कि होने तलक रात हम दोनों साथ हैं संग चल रहे हैं, संग चल रहे हैं धूप के किनारे छाँव की तरह क़ाफ़िराना सा है, इश्क़ है या क्या है? Hmm, ऐसे तुम मिले हो, ऐसे तुम मिले हो जैसे मिल रही हो इत्र से हवा क़ाफ़िराना सा है, इश्क़ है या क्या है?
Audio Features
Song Details
- Duration
- 05:41
- Key
- 4
- Tempo
- 170 BPM