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Lyrics

कोरे से पन्ने जैसे ये दिल ने कोई ग़ज़ल पाई
 पहली बारिश इस ज़मीं पे इश्क़ ने बरसाई
 हर नज़र में ढूँढी जो थी, तुझ में पाई वफ़ा, हाँ
 जान मेरी बन गया तू, जान मैंने लिया
 तू ही मेरा मीत है जी, तू ही मेरी प्रीत है जी
 जो लबों से हो सके ना जुदा ऐसा मेरा गीत है जी
 तू ही मेरा मीत है जी, तू ही मेरी प्रीत है जी
 जो लबों से हो सके ना जुदा ऐसा मेरा गीत है जी
 तू ही मेरा मीत है
 ♪
 ओ, खोलूँ जो आँखें सुबह को मैं, चेहरा तेरा ही पाऊँ
 ये तेरी नर्म सी धूप में अब से जहाँ ये मेरा सजाऊँ
 ज़रा सी बात पे जब हँसती है तू, हँसती है मेरी ज़िंदगी
 तू ही मेरा मीत है जी, तू ही मेरी प्रीत है जी
 जो लबों से हो सके ना जुदा ऐसा मेरा गीत है जी
 तू ही मेरा मीत है जी, तू ही मेरी प्रीत है जी
 जो लबों से हो सके ना जुदा ऐसा मेरा गीत है जी
 तू ही मेरा मीत है
 

Audio Features

Song Details

Duration
03:35
Key
5
Tempo
96 BPM

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