Kyun Main Jaagoon
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Lyrics
मुझे यूँ ही करके ख़्वाबों से जुदा जाने कहाँ छुप के बैठा है ख़ुदा जानूँ ना मैं, कब हुआ ख़ुद से गुमशुदा कैसे जियूँ? रूह भी मुझसे है जुदा क्यूँ मेरी राहें मुझसे पूछें, "घर कहाँ है?" क्यूँ मुझसे आके दस्तक पूछे, "दर कहाँ है?" राहें ऐसी, जिनकी मंज़िल ही नहीं दूँढो मुझे, अब मैं रहता हूँ वहीं दिल है कहीं और धड़कन है कहीं साँसें हैं, मगर, क्यूँ जिंदा मैं नहीं? ♪ रेत बनी हाथों से यूँ बह गई तक़दीर मेरी बिख़री हर जगह कैसे लिखूँ फिर से नयी दास्ताँ? ग़म की सियाही दिखती है कहाँ? ओ, आहें जो चुनी हैं, मेरी थी रज़ा रहता हूँ क्यूँ फिर ख़ुद से ही ख़फ़ा? ऐसे भी हुई थी मुझसे क्या ख़ता? तूने जो मुझे दी जीने की सज़ा ♪ ओ, बंदे, तेरे माथे पे हैं जो खिंचीं बस चंद लकीरों जितना है जहाँ आँसू मेरे मुझको मिटा कह रहे "रब का हुकुम ना मिटता है यहाँ" ओ, राहें ऐसी, जिनकी मंज़िल ही नहीं दूँढो मुझे, अब मैं रहता हूँ वहीं दिल है कहीं और धड़कन है कहीं साँसें हैं, मगर, क्यूँ जिंदा मैं नहीं? क्यूँ मैं जागूँ और वो सपने बो रहा है? क्यूँ मेरा रब यूँ आँखें खोले सो रहा है? क्यूँ मैं जागूँ...?
Audio Features
Song Details
- Duration
- 05:42
- Key
- 8
- Tempo
- 130 BPM