Dheere Dheere

Lyrics

जल रहे हैं जंगल और नदियाँ रो रही हैं धीरे-धीरे
 लोग सड़कों पर हैं, दुनिया आपा खो रही है धीरे-धीरे
 ना पड़ा फ़रक कभी जिन्हें, उन्हें भी पड़ रहा है धीरे-धीरे
 जो पढ़ना चाहता है, वो भी लड़ रहा है धीरे-धीरे
 ♪
 शहर मचल रहे हैं, गुम हवाएँ हो रही हैं धीरे-धीरे
 नफ़रतों के बीज दुनिया खुल के बो रही है धीरे-धीरे
 ग़लत इरादों वाले बेनक़ाब हो रहे हैं धीरे-धीरे
 ग़मों की रात में ख़ुशी के ख़ाब, वो सो रहे हैं धीरे-धीरे
 धीरे-धीरे, धीरे-धीरे
 धीरे-धीरे, धीरे-धीरे
 धीरे-धीरे, धीरे-धीरे
 धीरे-धीरे, धीरे-धीरे
 
 जल रहे हैं जंगल और नदियाँ रो रही हैं धीरे-धीरे
 लोग सड़कों पर हैं, दुनिया आपा खो रही है धीरे-धीरे
 ना पड़ा फ़रक कभी जिन्हें, उन्हें भी पड़ रहा है धीरे-धीरे
 जो पढ़ना चाहता है, वो भी लड़ रहा है धीरे-धीरे
 ♪
 शहर मचल रहे हैं, गुम हवाएँ हो रही हैं धीरे-धीरे
 नफ़रतों के बीज दुनिया खुल के बो रही है धीरे-धीरे
 ग़लत इरादों वाले बेनक़ाब हो रहे हैं धीरे-धीरे
 ग़मों की रात में ख़ुशी के ख़ाब, वो सो रहे हैं धीरे-धीरे
 धीरे-धीरे, धीरे-धीरे
 धीरे-धीरे, धीरे-धीरे
 धीरे-धीरे, धीरे-धीरे
 धीरे-धीरे, धीरे-धीरे
 

Audio Features

Song Details

Duration
02:43
Key
2
Tempo
134 BPM

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