Ektarfa

Lyrics

I've spent a lot of time thinking and
 I've come to realize that
 I'm, I'm just not good for you
 तू फ़िर से पास आ, मैं ज़िद नहीं करूँगा
 तू फ़िर से दूर जा, मैं कुछ नहीं कहूँगा
 जो तेरे जाने से मैं बैठा हूँ मयख़ाने में
 मैं खा चुका हूँ धोखा, पीने से नहीं मरूँगा
 जो तुझसे सीखा हूँ तुझ ही पे तो लिखूँगा
 जो तुझको चाहूँगा, तुझ ही पे तो मिटूँगा
 जो हँस के आऊँगा मैं फ़िर से तेरे सामने
 हूँ ना-पसंद बता दियो, मैं फ़िर नहीं दिखूँगा
 मैंने देखा तुझमें सादगी रही नहीं
 मैंने देखा तूने कोशिशें बहुत करी
 कहे जो तुझको अपने हाथों से सजा दूँ, है कमी
 तू पहने बहुत, फ़िर भी लगता क्यूँ सजी नहीं?
 आज भी ऐसे देखे मैंने दायरे नहीं
 कि तुझसे बाँट लूँ मैं ख़ुद को
 कह दूँ, आ रहे नहीं हैं तुमसे मिलने
 बेवफ़ा ही थे, जो हँस के कह दिया
 कि हम भी धोखे खा रहे नहीं
 जो फ़िर से देखा, मेरी रुक चली कलम थी
 दिल धड़कता, आँखें भीगी, बातें तंग थी
 जो तुझको सोचा, मेरा पूरा एक जनम थी
 जब तुझको देखा, किसी और की सनम थी
 दिल तो दुखता है, पर जीना पड़ता ही है
 सूरज से चाँद भी अकेले लड़ता ही है
 मैं कितना भूलूँ, क़िस्सा तेरा अड़ता ही है
 जो कर दे फ़ासला तो प्यार बढ़ता ही है
 गाने तो चल रहे, पर बातें तेरी-मेरी हैं
 चिराग़ बुझ गए, पर रातें तेरी-मेरी हैं
 हुआ वो एक ना, जो साथ जनम का वादा था
 तो इस सदी में जाना, क्या औकात तेरी-मेरी है
 माना, मैं सब ही कुछ जीता, कुछ भी हारा ना
 पर जिसको हारा, उसको देखा फ़िर दोबारा ना
 जो धँस गया हूँ जा के रेत में मैं आँखों तक
 तू है समुंदर, मुझ पे बूँद का सहारा ना
 ना मुझसे पूछ मेरे हाल, क्या सितारों का
 ना दम तू खा ये आ के नोटों की दीवारों का
 है पैसा क्या? तू छोटी बातें ना किया कर
 मैं बस प्यार से ग़रीब हूँ, मुझको मोल ना हज़ारों का
 जो मुझसे पूछ ले तू रास्ता बहारों का
 तो हँस के कह दूँ, तू नज़ारा मेरी आँखों का
 मैं जिसको कोसने चला हूँ उसका नाम याद
 फ़िर भी लिख ना पाना दोष, काम है गवारों का
 ♪
 जो तुझको देखा, आसमाँ में चाँद था नहीं
 कहीं पे छुप गया कि कहता लगता नहीं
 इससे हसीन मैंने देखा कहीं कुछ कि लोग
 यूँ ही लिखते रहते मुझ पे, ऐ ख़ुदा, मैं चाँद नहीं
 ये तेरे रेशमी जो बाल जालसाज़ी है
 मरा नहीं, पर जीते-जी तू मेरी फाँसी है
 दबा नहीं गला, क्यूँ साँसें मेरी घुट रही?
 मैं क्या ही दूँ सज़ा? जा तेरी हर सज़ा ही माफ़ी है
 मुझे ख़बर नहीं, तू किस ज़ुबाँ में राज़ी है
 दिखे असर नहीं, तू किस दुआ में बाक़ी है
 अगर कभी मैं तेरे सामने से गुज़रूँ
 मुझको मिल तू या नहीं, पर तेरी एक नज़र ही काफ़ी है
 एक तरफ़ा मैं नाम भी बना लूँगा
 एक तरफ़ा मैं नाम भी छुपा लूँगा
 एक अरसा जो बीते तेरी यादों में
 मैं होके मशहूर तुझ पे ज़िंदगी लुटा दूँगा
 
 I've spent a lot of time thinking and
 I've come to realize that
 I'm, I'm just not good for you
 तू फ़िर से पास आ, मैं ज़िद नहीं करूँगा
 तू फ़िर से दूर जा, मैं कुछ नहीं कहूँगा
 जो तेरे जाने से मैं बैठा हूँ मयख़ाने में
 मैं खा चुका हूँ धोखा, पीने से नहीं मरूँगा
 जो तुझसे सीखा हूँ तुझ ही पे तो लिखूँगा
 जो तुझको चाहूँगा, तुझ ही पे तो मिटूँगा
 जो हँस के आऊँगा मैं फ़िर से तेरे सामने
 हूँ ना-पसंद बता दियो, मैं फ़िर नहीं दिखूँगा
 मैंने देखा तुझमें सादगी रही नहीं
 मैंने देखा तूने कोशिशें बहुत करी
 कहे जो तुझको अपने हाथों से सजा दूँ, है कमी
 तू पहने बहुत, फ़िर भी लगता क्यूँ सजी नहीं?
 आज भी ऐसे देखे मैंने दायरे नहीं
 कि तुझसे बाँट लूँ मैं ख़ुद को
 कह दूँ, आ रहे नहीं हैं तुमसे मिलने
 बेवफ़ा ही थे, जो हँस के कह दिया
 कि हम भी धोखे खा रहे नहीं
 जो फ़िर से देखा, मेरी रुक चली कलम थी
 दिल धड़कता, आँखें भीगी, बातें तंग थी
 जो तुझको सोचा, मेरा पूरा एक जनम थी
 जब तुझको देखा, किसी और की सनम थी
 दिल तो दुखता है, पर जीना पड़ता ही है
 सूरज से चाँद भी अकेले लड़ता ही है
 मैं कितना भूलूँ, क़िस्सा तेरा अड़ता ही है
 जो कर दे फ़ासला तो प्यार बढ़ता ही है
 गाने तो चल रहे, पर बातें तेरी-मेरी हैं
 चिराग़ बुझ गए, पर रातें तेरी-मेरी हैं
 हुआ वो एक ना, जो साथ जनम का वादा था
 तो इस सदी में जाना, क्या औकात तेरी-मेरी है
 माना, मैं सब ही कुछ जीता, कुछ भी हारा ना
 पर जिसको हारा, उसको देखा फ़िर दोबारा ना
 जो धँस गया हूँ जा के रेत में मैं आँखों तक
 तू है समुंदर, मुझ पे बूँद का सहारा ना
 ना मुझसे पूछ मेरे हाल, क्या सितारों का
 ना दम तू खा ये आ के नोटों की दीवारों का
 है पैसा क्या? तू छोटी बातें ना किया कर
 मैं बस प्यार से ग़रीब हूँ, मुझको मोल ना हज़ारों का
 जो मुझसे पूछ ले तू रास्ता बहारों का
 तो हँस के कह दूँ, तू नज़ारा मेरी आँखों का
 मैं जिसको कोसने चला हूँ उसका नाम याद
 फ़िर भी लिख ना पाना दोष, काम है गवारों का
 ♪
 जो तुझको देखा, आसमाँ में चाँद था नहीं
 कहीं पे छुप गया कि कहता लगता नहीं
 इससे हसीन मैंने देखा कहीं कुछ कि लोग
 यूँ ही लिखते रहते मुझ पे, ऐ ख़ुदा, मैं चाँद नहीं
 ये तेरे रेशमी जो बाल जालसाज़ी है
 मरा नहीं, पर जीते-जी तू मेरी फाँसी है
 दबा नहीं गला, क्यूँ साँसें मेरी घुट रही?
 मैं क्या ही दूँ सज़ा? जा तेरी हर सज़ा ही माफ़ी है
 मुझे ख़बर नहीं, तू किस ज़ुबाँ में राज़ी है
 दिखे असर नहीं, तू किस दुआ में बाक़ी है
 अगर कभी मैं तेरे सामने से गुज़रूँ
 मुझको मिल तू या नहीं, पर तेरी एक नज़र ही काफ़ी है
 एक तरफ़ा मैं नाम भी बना लूँगा
 एक तरफ़ा मैं नाम भी छुपा लूँगा
 एक अरसा जो बीते तेरी यादों में
 मैं होके मशहूर तुझ पे ज़िंदगी लुटा दूँगा
 

Audio Features

Song Details

Duration
03:50
Tempo
150 BPM

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