Zindagi Kya Hai (From "Koi Baat Chale")
16
views
Lyrics
आदमी बुलबुला है पानी का और पानी की बहती सतह पर टूटता भी है, डूबता भी है फिर उभरता है, फिर से बहता है ना समंदर निगल सका इसको ना तवारीख़ तोड़ पाई है वक्त की मौज पर सदा बहता आदमी बुलबुला है पानी का ♪ ज़िंदगी क्या है जानने के लिए ज़िंदा रहना बहुत ज़रूरी है आज तक कोई भी रहा तो नहीं ♪ सारी वादी उदास बैठी है मौसम-ए-गुल ने ख़ुदकुशी कर ली किसने बारूद बोया बाग़ों में? ♪ आओ, हम सब पहन लें आईने सारे देखेंगे अपना ही चेहरा सब को सारे हसीं लगेंगे यहाँ ♪ है नहीं जो दिखाई देता है आईने पर छपा हुआ चेहरा तर्जुमा आईने का ठीक नहीं ♪ हम को Ghalib ने ये दुआ दी थी तुम सलामत रहो १००० बरस ये बरस तो फ़क़त दिनों में गया ♪ लब तेरे Meer ने भी देखे हैं पंखुड़ी एक गुलाब की सी है बातें सुनते तो Ghalib हो जाते ♪ ऐसे बिखरे हैं रात-दिन, जैसे... मोतियों वाला हार टूट गया तुम ने मुझ को पिरो के रखा था तुम ने मुझ को पिरो के रखा था
Audio Features
Song Details
- Duration
- 04:54
- Key
- 7
- Tempo
- 172 BPM
Share
More Songs by Jagjit Singh'
Similar Songs
Kainat Chale (From "Koi Baat Chale")
Jagjit Singh
Haath Chhute Bhi To Rishtey Nahi Chhoda Karte (From "Jazbaat")
Jagjit Singh
Shaam Se Aankh Mein Nami Si Hai (From "Marasim")
Jagjit Singh
Zindagi Kya Hai (From "Koi Baat Chale")
Jagjit Singh'
Hoshwalon Ko Khabar Kya
Jagjit Singh
Hothon Se Chhu Lo Tum - From Prem Geet
Jagjit Singh