Aankhon Mein Jal Raha Hai Kyun

Lyrics

आँखों में जल रहा है, क्यूँ बुझता नहीं धुआँ?
 आँखों में जल रहा है, क्यूँ बुझता नहीं धुआँ?
 उठता तो है घटा सा, बरसता नहीं धुआँ
 आँखों में जल रहा है, क्यूँ बुझता नहीं धुआँ?
 ♪
 चूल्हे नहीं जलाए, या बस्ती ही जल गई
 चूल्हे नहीं जलाए, या बस्ती ही जल गई
 कुछ रोज़ हो गए हैं अब उठता नहीं धुआँ
 कुछ रोज़ हो गए हैं अब उठता नहीं धुआँ
 आँखों में जल रहा है, क्यूँ बुझता नहीं धुआँ?
 ♪
 आँखों के पोंछने से लगा आँच का पता
 आँखों के पोंछने से लगा आँच का पता
 यूँ चेहरा फेर लेने से छुपता नहीं धुआँ
 ♪
 आँखों से आँसुओं के मरासिम पुराने हैं
 आँखों से आँसुओं के मरासिम पुराने हैं
 मेहमाँ ये घर में आएँ तो चुभता नहीं धुआँ
 उठता तो है घटा सा, बरसता नहीं धुआँ
 आँखों में जल रहा है, क्यूँ बुझता नहीं धुआँ?
 

Audio Features

Song Details

Duration
05:17
Key
9
Tempo
134 BPM

Share

More Songs by Jagjit Singh

Albums by Jagjit Singh

Similar Songs