Mazaak

Lyrics

ये भी मज़ाक ही तो है
 सालों से सड़कों पे सँभल के चल रहा था यूँ
 गालों के गड्ढों में तेरे
 ना जाने क्यूँ मैं लड़खड़ा के गिर गया हूँ
 मुस्कराओ
 और ऐसे हँसो मेरी बातों पे
 गिरता रहूँ तेरी राहों में
 और इनमें ही खो जाऊँगा
 ये भी मज़ाक ही तो है
 कैसे ये रातों के इरादों में अँधेरा था यूँ
 आधे से चाँद सी हँसी
 अँधेरी रातों में अब नूर बन गई क्यूँ?
 ऐ, चाँद
 अब चाँदनी बनके गिरो ज़रा
 गिरते रहो मेरे आस-पास
 तो तेरा ही हो जाऊँगा
 हो जाऊँगा तेरा, एहसास है
 साँसें हैं जब तक यहाँ, हो जाऊँ मैं तेरा
 ये ना मेरा अंदाज़ है
 देखो, मैं ख़ुद हँस रहा अपनी बातों पे यहाँ
 ऐसे तुम भी हँसो मेरी बातों पे
 ना जाने ये क्या हो रहा मुझे
 मैं तेरा ही हो जाऊँगा, हो जाऊँगा
 ये भी मज़ाक ही तो है
 मेरी नक़ल है या असल में गिर रहे हो तुम भी?
 होता नहीं है अब यक़ीं
 क्या ये मज़ाक तो नहीं?
 
 ये भी मज़ाक ही तो है
 सालों से सड़कों पे सँभल के चल रहा था यूँ
 गालों के गड्ढों में तेरे
 ना जाने क्यूँ मैं लड़खड़ा के गिर गया हूँ
 मुस्कराओ
 और ऐसे हँसो मेरी बातों पे
 गिरता रहूँ तेरी राहों में
 और इनमें ही खो जाऊँगा
 ये भी मज़ाक ही तो है
 कैसे ये रातों के इरादों में अँधेरा था यूँ
 आधे से चाँद सी हँसी
 अँधेरी रातों में अब नूर बन गई क्यूँ?
 ऐ, चाँद
 अब चाँदनी बनके गिरो ज़रा
 गिरते रहो मेरे आस-पास
 तो तेरा ही हो जाऊँगा
 हो जाऊँगा तेरा, एहसास है
 साँसें हैं जब तक यहाँ, हो जाऊँ मैं तेरा
 ये ना मेरा अंदाज़ है
 देखो, मैं ख़ुद हँस रहा अपनी बातों पे यहाँ
 ऐसे तुम भी हँसो मेरी बातों पे
 ना जाने ये क्या हो रहा मुझे
 मैं तेरा ही हो जाऊँगा, हो जाऊँगा
 ये भी मज़ाक ही तो है
 मेरी नक़ल है या असल में गिर रहे हो तुम भी?
 होता नहीं है अब यक़ीं
 क्या ये मज़ाक तो नहीं?
 
 ये भी मज़ाक ही तो है
 सालों से सड़कों पे सँभल के चल रहा था यूँ
 गालों के गड्ढों में तेरे
 ना जाने क्यूँ मैं लड़खड़ा के गिर गया हूँ
 मुस्कराओ
 और ऐसे हँसो मेरी बातों पे
 गिरता रहूँ तेरी राहों में
 और इनमें ही खो जाऊँगा
 ये भी मज़ाक ही तो है
 कैसे ये रातों के इरादों में अँधेरा था यूँ
 आधे से चाँद सी हँसी
 अँधेरी रातों में अब नूर बन गई क्यूँ?
 ऐ, चाँद
 अब चाँदनी बनके गिरो ज़रा
 गिरते रहो मेरे आस-पास
 तो तेरा ही हो जाऊँगा
 हो जाऊँगा तेरा, एहसास है
 साँसें हैं जब तक यहाँ, हो जाऊँ मैं तेरा
 ये ना मेरा अंदाज़ है
 देखो, मैं ख़ुद हँस रहा अपनी बातों पे यहाँ
 ऐसे तुम भी हँसो मेरी बातों पे
 ना जाने ये क्या हो रहा मुझे
 मैं तेरा ही हो जाऊँगा, हो जाऊँगा
 ये भी मज़ाक ही तो है
 मेरी नक़ल है या असल में गिर रहे हो तुम भी?
 होता नहीं है अब यक़ीं
 क्या ये मज़ाक तो नहीं?
 
 ये भी मज़ाक ही तो है
 सालों से सड़कों पे सँभल के चल रहा था यूँ
 गालों के गड्ढों में तेरे
 ना जाने क्यूँ मैं लड़खड़ा के गिर गया हूँ
 मुस्कराओ
 और ऐसे हँसो मेरी बातों पे
 गिरता रहूँ तेरी राहों में
 और इनमें ही खो जाऊँगा
 ये भी मज़ाक ही तो है
 कैसे ये रातों के इरादों में अँधेरा था यूँ
 आधे से चाँद सी हँसी
 अँधेरी रातों में अब नूर बन गई क्यूँ?
 ऐ, चाँद
 अब चाँदनी बनके गिरो ज़रा
 गिरते रहो मेरे आस-पास
 तो तेरा ही हो जाऊँगा
 हो जाऊँगा तेरा, एहसास है
 साँसें हैं जब तक यहाँ, हो जाऊँ मैं तेरा
 ये ना मेरा अंदाज़ है
 देखो, मैं ख़ुद हँस रहा अपनी बातों पे यहाँ
 ऐसे तुम भी हँसो मेरी बातों पे
 ना जाने ये क्या हो रहा मुझे
 मैं तेरा ही हो जाऊँगा, हो जाऊँगा
 ये भी मज़ाक ही तो है
 मेरी नक़ल है या असल में गिर रहे हो तुम भी?
 होता नहीं है अब यक़ीं
 क्या ये मज़ाक तो नहीं?
 

Audio Features

Song Details

Duration
03:32
Key
2
Tempo
146 BPM

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