Aisa Zakhm Diya Hai
2
views
Lyrics
दिल कहता है चल उनसे मिल, उठते हैं कदम, रुक जाते हैं, दिल हमको कभी समझाता है, हम दिल को कभी समझाते हैं. दिल कहता है चल उनसे मिल, उठते हैं कदम, रुक जाते हैं, दिल हमको कभी समझाता है, हम दिल को कभी समझाते हैं. हम जब से हैं जुदा, ऐ मेरे हमनशीं यू देखो तो मेरे दामन मे क्या नहीं दौलत का चांद है शोहरत की चांदनी मगर तुम्हें खो के लगे है मुझे ऐसा के तुम नहीं तो कुछ भी नहीं तुम क्या जानो अब हम कितना दिल ही दिल में पछताते हैं दिल हमको कभी समझाता है हम दिल को कभी समझाते हैं वो दिन थे क्या हसीन, दोनों थे साथ में और बाहें आप की थी मेरे हाथ में तुम ही तुम थे सनम मेरे दिन रात में पर इतनी बुलंदी पे तुम हो मेरी जान आये न दामन अब हाथ में पाना तुमको मुमकिन ही नहीं सोचे भी तो हम घबराते हैं दिल हमको कभी समझाता है हम दिल को कभी समझाते हैं दिल कहता है चल उनसे मिल उठते है कदम, रुक जाते हैं उठते है कदम, रुक जाते हैं उठते है कदम, रुक जाते हैं...
Audio Features
Song Details
- Duration
- 06:52
- Key
- 7
- Tempo
- 122 BPM