Falak Tak

Lyrics

फ़लक तक चल साथ मेरे
 फ़लक तक चल, साथ चल
 फ़लक तक चल साथ मेरे
 फ़लक तक चल, साथ चल
 ये बादल की चादर, ये तारों के आँचल
 में छुप जाएँ हम पल-दो-पल, हो
 फ़लक तक चल साथ मेरे
 फ़लक तक चल, साथ चल
 फ़लक तक चल साथ मेरे
 फ़लक तक चल, साथ चल
 देखो, कहाँ आ गए हम, सनम, साथ चलते
 जहाँ दिन की बाँहों में रातों के साए हैं ढलते
 चल वो चौबारे ढूँढें, जिनमें चाहत की बूँदें
 सच कर दें सपनों को सभी
 हो, आँखों को मीचे-मीचे, मैं तेरे पीछे-पीछे
 चल दूँ जो कह दे तू अभी
 बहारों की छत हो, दुआओं के ख़त हों
 पढ़ते रहें ये ग़ज़ल, हो
 फ़लक तक चल साथ मेरे
 फ़लक तक चल, साथ चल
 फ़लक तक चल साथ मेरे
 फ़लक तक चल, साथ चल
 देखा नहीं मैंने पहले कभी ये नज़ारा
 बदला हुआ सा लगे मुझको आलम ये सारा
 सूरज को हुई हरारत, रातों को करे शरारत
 बैठा है खिड़की पे तेरी
 हाँ, इस बात पे चाँद भी बिगड़ा, क़तरा-क़तरा वो पिघला
 भर आया आँखों में मेरी
 तो सूरज बुझा दूँ, तुझे मैं सजा दूँ
 सवेरा हो तुझसे ही कल, हो
 फ़लक तक चल साथ मेरे
 फ़लक तक चल, साथ चल
 फ़लक तक चल साथ मेरे
 फ़लक तक चल, साथ चल
 ये बादल की चादर, ये तारों के आँचल
 में छुप जाएँ हम पल-दो-पल, हो
 फ़लक तक चल साथ मेरे (चल, फ़लक तक चल)
 फ़लक तक चल, साथ चल (चल, फ़लक तक चल)
 फ़लक तक चल साथ मेरे (चल, फ़लक तक चल)
 फ़लक तक चल, साथ चल (चल, फ़लक तक चल)
 फ़लक तक चल साथ मेरे (चल, फ़लक तक चल)
 फ़लक तक चल, साथ चल (चल, फ़लक तक चल)
 फ़लक तक चल साथ मेरे (चल, फ़लक तक चल)
 फ़लक तक चल, साथ चल (चल, फ़लक तक चल)
 
 फ़लक तक चल साथ मेरे
 फ़लक तक चल, साथ चल
 फ़लक तक चल साथ मेरे
 फ़लक तक चल, साथ चल
 ये बादल की चादर, ये तारों के आँचल
 में छुप जाएँ हम पल-दो-पल, हो
 फ़लक तक चल साथ मेरे
 फ़लक तक चल, साथ चल
 फ़लक तक चल साथ मेरे
 फ़लक तक चल, साथ चल
 देखो, कहाँ आ गए हम, सनम, साथ चलते
 जहाँ दिन की बाँहों में रातों के साए हैं ढलते
 चल वो चौबारे ढूँढें, जिनमें चाहत की बूँदें
 सच कर दें सपनों को सभी
 हो, आँखों को मीचे-मीचे, मैं तेरे पीछे-पीछे
 चल दूँ जो कह दे तू अभी
 बहारों की छत हो, दुआओं के ख़त हों
 पढ़ते रहें ये ग़ज़ल, हो
 फ़लक तक चल साथ मेरे
 फ़लक तक चल, साथ चल
 फ़लक तक चल साथ मेरे
 फ़लक तक चल, साथ चल
 देखा नहीं मैंने पहले कभी ये नज़ारा
 बदला हुआ सा लगे मुझको आलम ये सारा
 सूरज को हुई हरारत, रातों को करे शरारत
 बैठा है खिड़की पे तेरी
 हाँ, इस बात पे चाँद भी बिगड़ा, क़तरा-क़तरा वो पिघला
 भर आया आँखों में मेरी
 तो सूरज बुझा दूँ, तुझे मैं सजा दूँ
 सवेरा हो तुझसे ही कल, हो
 फ़लक तक चल साथ मेरे
 फ़लक तक चल, साथ चल
 फ़लक तक चल साथ मेरे
 फ़लक तक चल, साथ चल
 ये बादल की चादर, ये तारों के आँचल
 में छुप जाएँ हम पल-दो-पल, हो
 फ़लक तक चल साथ मेरे (चल, फ़लक तक चल)
 फ़लक तक चल, साथ चल (चल, फ़लक तक चल)
 फ़लक तक चल साथ मेरे (चल, फ़लक तक चल)
 फ़लक तक चल, साथ चल (चल, फ़लक तक चल)
 फ़लक तक चल साथ मेरे (चल, फ़लक तक चल)
 फ़लक तक चल, साथ चल (चल, फ़लक तक चल)
 फ़लक तक चल साथ मेरे (चल, फ़लक तक चल)
 फ़लक तक चल, साथ चल (चल, फ़लक तक चल)
 

Audio Features

Song Details

Duration
05:56
Key
2
Tempo
144 BPM

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