Khwahishein

Lyrics

ख़्वाहिशों का चेहरा क्यूँ धुँधला सा लगता है?
 क्यूँ अनगिनत ख़्वाहिशें हैं?
 ख़्वाहिशों का पहरा क्यूँ ठहरा सा लगता है?
 क्यूँ ये ग़लत ख़्वाहिशें हैं?
 हर मोड़ पर फिर से मुड़ जाती है
 खिलते हुए पल में मुरझाती है
 है बेशरम, फिर भी शरमाती हैं ख़्वाहिशें
 ज़िंदगी को धीरे-धीरे डँसती हैं ख़्वाहिशें
 आँसू को पीते-पीते हँसती हैं ख़्वाहिशें
 उलझी हुई कशमकश में उमर कट जाती है
 ♪
 आँखें मिच जाएँ जो उजालों में
 किस काम की ऐसी रोशनी?
 ओ, भटका के ना लाए जो किनारों पे
 किस काम की ऐसी कश्ती?
 आँधी ये (आँधी ये) धीरे से लाती है
 वादा कर (वादा कर) धोखा दे जाती है
 मुँह फेर के हँस के चिढ़ाती हैं ख़्वाहिशें (ख़्वाहिशें)
 ज़िंदगी को धीरे-धीरे डँसती हैं ख़्वाहिशें
 आँसू को पीते-पीते हँसती हैं ख़्वाहिशें
 ज़िंदगी को धीरे-धीरे-धीरे डँसती हैं ख़्वाहिशें
 उलझी हुई कशमकश में उमर कट जाती है
 

Audio Features

Song Details

Duration
03:57
Key
11
Tempo
145 BPM

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