Zindagi

Lyrics

दिल की class की घंटी जो बजी
 आई यादें वो सारी दौड़ के
 क़िस्से फिर मिले, हाँ, रख लूँ मैं उन्हें
 कुछ पन्ने किताबों के मोड़ के
 फिर से वो गली है तू जो ले चली
 तो ठहरूँ मैं थोड़ा सा यहीं
 हूँ रुका हाँ-हाँ, ज़िंदगी
 तू बढ़ा हाँ-हाँ, ज़िंदगी
 हूँ ग़लत तो बता, ज़िंदगी
 दे-दे सच का पता, ज़िंदगी
 ♪
 हो, प्यारे थे भरम भी, हम थोड़े बेशरम भी
 ना कोई थी शरारत आख़िरी
 बचपने में जो सताए, थे सामने पर भुलाए
 उन यारों से जेबें फिर भरी
 हो के रू-ब-रू अब आँखों में भरूँ
 वो लमहे जो जिए थे कभी
 अब भले तू सता, ज़िंदगी
 माफ़ तेरी ख़ता, ज़िंदगी
 ले मैं फिर से चला, ज़िंदगी
 क्यूँ रुका था भला, ज़िंदगी?
 

Audio Features

Song Details

Duration
03:14
Key
5
Tempo
120 BPM

Share

More Songs by Sachin-Jigar

Albums by Sachin-Jigar

Similar Songs