Saawali Si Raat
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Lyrics
साँवली सी रात हो, ख़ामोशी का साथ हो साँवली सी रात हो, ख़ामोशी का साथ हो बिन कहे, बिन सुने, बात हो तेरी मेरी नींद जब हो लापता, उदासियाँ ज़रा हटा ख़्वाबों की रज़ाई में, रात हो तेरी मेरी ♪ झिलमिल तारों सी आँखें तेरी खारे-खारे पानी की झीलें भरे हरदम यूँ ही तू हँसती रहे हर पल है दिल में ख्वाहिशें ख़ामोशी की लोरियाँ सुन तो रात सो गई बिन कहे, बिन सुने, बात हो तेरी मेरी साँवली सी रात हो, ख़ामोशी का साथ हो बिन कहे, बिन सुने, बात हो तेरी मेरी ♪ बर्फी के टुकड़े सा, चंदा देखो आधा है धीरे धीरे चखना ज़रा हँसने रुलाने का, आधा-पौना वादा है कनखी से तकना ज़रा ये जो लम्हें हैं, लम्हों की बहती नदी में हाँ भीग लूँ, हाँ भीग लूँ ये जो आँखें हैं, आँखों की गुमसुम जुबां को मैं सीख लूँ, हाँ सीख लूँ अनकही सी गुफ्तगू, अनसुनी सी जुस्तजू बिन कहे, बिन सुने अपनी बात हो गई साँवली सी रात हो, ख़ामोशी का साथ हो बिन कहे, बिन सुने, बात हो तेरी मेरी
Audio Features
Song Details
- Duration
- 05:08
- Key
- 9
- Tempo
- 140 BPM