Darasal

Lyrics

तुम तो दरअसल ख्वाब की बात हो
 चलती मेरे ख्यालों में तुम साथ-साथ हो
 मिलती है जो अचानक वो सौगात हो
 तुम तो दरअसल मीठी सी प्यास हो
 लगता है ये हमेशा के तुम आस-पास हो
 ठहरा है जो लबों पे वो एहसास हो
 तेरी अदा, अदा पे मरता मैं
 वफ़ा, वफ़ा सी करता क्यूँ
 हदों से हूँ गुज़रता मैं, ज़रा, ज़रा, ज़रा
 तुम तो दरअसल साँसों का साज़ हो
 दिल में मेरे छुपा जो वही राज़, राज़ हो
 कल भी मेरा तुम्हीं हो, मेरा आज हो
 कल भी मेरा तुम्हीं हो, मेरा आज हो
 बारिश का पानी हो तुम
 कागज़ की कश्ती हूँ मैं
 तुझमें कहीं मैं बह जाता हूँ
 हो-ओ, मिलने हूँ तुमसे आता
 वापस नहीं जा पाता
 थोड़ा वहीं मैं रह जाता हूँ, हो-ओ
 तुम तो दरअसल इक नया नूर हो
 मुझमें भी हो ज़रा सी, ज़रा दूर-दूर हो
 जैसी भी हो हमेशा ही मंज़ूर हो
 जैसी भी हो हमेशा ही मंज़ूर हो
 होता है ऐसा अक्सर
 दिल ये किसी को देकर
 लगता हसीं है सारा शहर, वो-ओ
 अब देख तेरा होकर
 ऐसा असर है मुझपर
 हँसता रहूँ मैं आठों पहर
 हो-ओ, तुम तो दरअसल इश्क हो, प्यार हो
 आती मेरे फ़सानों में तुम बार-बार हो
 इन्कार में जो छुपा है वो इकरार हो
 इन्कार में जो छुपा है वो इकरार हो
 इन्कार में जो छुपा है वो इकरार हो
 

Audio Features

Song Details

Duration
04:34
Tempo
118 BPM

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