Taandav

Lyrics

शोर है अँधेर में, जो ढेर मुर्दा पेड़ों का
 सुलग गया, झुलस गया, लो ज्वाला-ज्वाला आग है
 काठ ही के ढेर में वो फेर जीव जन्म का
 लो जल गया, धुआँ हुआ, लो स्वाहा-स्वाहा राख है
 डमरुओं को डमडमाता क्रोध, नाचे क्रुद्ध-क्रुद्ध
 डमरुओं को डमडमाता क्रोध, नाचे क्रुद्ध-क्रुद्ध
 मस्तकों में माया-माया, चट-चटकती, खट-खटकती
 भट-भटकती, नाचती, छातियों में त्राहि-त्राहि
 धन-धनकती, झन-झनकती एक सुलगती त्रासदी
 योजनाएँ यम बनाता, काल दौड़े तमतमाता
 अंतरिक्ष सब समय के डमरुओं को डमडमाता
 डमरुओं को डमडमाता क्रोध, नाचे क्रुद्ध-क्रुद्ध
 डमरुओं को डमडमाता क्रोध, नाचे क्रुद्ध-क्रुद्ध
 डमरुओं को डमडमाता क्रोध, नाचे क्रुद्ध-क्रुद्ध
 डमरुओं को डमडमाता क्रोध, नाचे क्रुद्ध-क्रुद्ध
 सूर्य के जो तूर्य थे, बज रहे धरा पे हैं
 हुंड, मुंड, झुंड से ये दब रही धरा
 मंथनों को चूसते नीले-नीले होंठ हैं
 १००-१०० ज्वार फूँकती हैं सर्प सी भुजा
 शोर है अँधेर में, जो ढेर मुर्दा पेड़ों का
 सुलग गया, झुलस गया, लो ज्वाला-ज्वाला आग है
 काठ के ही ढेर में वो फेर जीव जन्म का
 लो जल गया, धुआँ हुआ, लो स्वाहा-स्वाहा राख है
 डमरुओं को डमडमाता क्रोध, नाचे क्रुद्ध-क्रुद्ध
 डमरुओं को डमडमाता क्रोध, नाचे क्रुद्ध-क्रुद्ध
 डमरुओं को डमडमाता क्रोध, नाचे क्रुद्ध-क्रुद्ध
 डमरुओं को डमडमाता क्रोध, नाचे क्रुद्ध-क्रुद्ध
 

Audio Features

Song Details

Duration
03:10
Key
1
Tempo
150 BPM

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