Aadiyogi

Lyrics

दूर उस आकाश की गहराइयों में
 एक नदी से बह रहे हैं आदियोगी
 शून्य सन्नाटे टपकते जा रहे हैं
 मौन से सब कह रहे हैं आदियोगी
 योग के इस स्पर्श से अब
 योग-मय करना है तन-मन
 साँस शाश्वत सनन सन-नन
 प्राण गुंजन घनन घन-नन
 उतरे मुझ में आदियोगी
 योग धारा छलक छन-छन
 साँस शाश्वत सनन सन-नन
 प्राण गुंजन घनन घन-नन
 उतरे मुझ में आदियोगी
 उतरे मुझ में आदियोगी
 ♪
 सो रहा है नृत्य अब उसको जगाओ
 आदियोगी योग डमरू डग-डगाओ
 सृष्टि सारी हो रही बेचैन देखो
 योग वर्षा में मुझे आओ भिगाओ
 प्राण घुँघरू खनखनाओ
 खनक खन-खन, खनक खन-खन
 साँस शाश्वत सनन सन-नन
 प्राण गुंजन घनन घन-नन
 साँस शाश्वत सनन सन-नन
 प्राण गुंजन घनन घन-नन
 साँस शाश्वत सनन सन-नन
 प्राण गुंजन घनन घन-नन
 उतरे मुझ में आदियोगी
 योग धारा छलक छन-छन
 साँस शाश्वत सनन सन-नन
 प्राण गुंजन घनन घन-नन
 उतरे मुझ में आदियोगी
 उतरे मुझ में आदियोगी
 

Audio Features

Song Details

Duration
04:33
Key
11
Tempo
100 BPM

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