Raatein (Reprise)
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Lyrics
डर हो जो कोई मुझको कभी ढांप लेते हो खुद में कहीं सर्दी में थरते हाथों को मेरे तापते फूँक के साँसों से ही नींदें टूटी जो रातों में मेरी जागते हो तुम भी मेरे साथ ही ♪ फ़िकरों को मेरी भी ना फ़िक्र कोई ♪ बस तुंहो जो संग में मेरे युही ♪ है कैसा ये जहाँ रुकी ज़िंदगी रवाँ इक मैं हूँ और इक तू है बस यहाँ डर हो जो कोई मुझको कभी ढांप लेते हो खुद में कहीं सर्दी में थरते हाथों को मेरे तापते फूँक के साँसों से ही नींदें टूटी जो रातों में मेरी जागते हो तुम भी मेरे साथ ही ♪ फ़िकरों को मेरी भी ना फ़िक्र कोई ♪ बस तुंहो जो संग में मेरे युही ♪ है कैसा ये जहाँ रुकी ज़िंदगी रवाँ इक मैं हूँ और इक तू है बस यहाँ
Audio Features
Song Details
- Duration
- 03:43
- Key
- 2
- Tempo
- 95 BPM